अमेरिका और इज़राइल आधिकारिक तौर पर 01 जनवरी 2019 को संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) से अलग हो गए हैं. दोनों देशों ने यूनेस्को से अलग होने की प्रक्रिया लगभग एक वर्ष पहले शुरू की थी. दोनों देशों का आरोप है कि यूनेस्को इज़राइल के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रस्त है.
अमेरिका और इज़राइल का यूनेस्को से अब अलग होना महज प्रक्रियाओं से जुड़ा मामला है, लेकिन फिर भी इसे वैश्विक संगठन के लिए झटका माना जा रहा है. गौरतलब है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित किए गए यूनेस्को के संस्थापक देशों में अमेरिका भी शामिल रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने यूनेस्को से अलग होने के लिए अक्टूबर 2017 में नोटिस दाखिल किया था. इसके बाद इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी यूनेस्को से अलग होने का नोटिस दे दिया था. अमेरिका ने यूनेस्को में बुनियादी सुधार की मांग की है. माना जा रहा है कि दोनों देशों के यूनेस्को से अलग होने का इस संगठन पर वित्तीय प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि वह 2011 से ही धनराशि में कटौती से जूझ रहा है.
यूनेस्को के बारे में जानकारी
• यूनेस्को (UNESCO) 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' का लघुरूप है.
• यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र का एक निकाय है. इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है.
• यूनेस्को के 193 सदस्य देश (अमेरिका और इज़राइल को छोड़कर) हैं और सात सहयोगी सदस्य देश और दो पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं. इसका मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) में है.
• यह साक्षरता बढ़ानेवाले कार्यक्रमों को प्रायोजित करता है और वैश्विक धरोहर की इमारतों और पार्कों के संरक्षण में भी सहयोग करता है.
• भारत वर्ष 1946 से ही यूनेस्को का सदस्य देश है.
अमेरिका और इज़राइल का यूनेस्को से अब अलग होना महज प्रक्रियाओं से जुड़ा मामला है, लेकिन फिर भी इसे वैश्विक संगठन के लिए झटका माना जा रहा है. गौरतलब है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित किए गए यूनेस्को के संस्थापक देशों में अमेरिका भी शामिल रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने यूनेस्को से अलग होने के लिए अक्टूबर 2017 में नोटिस दाखिल किया था. इसके बाद इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी यूनेस्को से अलग होने का नोटिस दे दिया था. अमेरिका ने यूनेस्को में बुनियादी सुधार की मांग की है. माना जा रहा है कि दोनों देशों के यूनेस्को से अलग होने का इस संगठन पर वित्तीय प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि वह 2011 से ही धनराशि में कटौती से जूझ रहा है.
क्या था मामला?
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यूनेस्को ने 2011 में फलस्तीन को अपनी स्थायी सदस्यता दी थी, साथ ही यहूदियों की धरोहर पर फलस्तीन के हक को पुष्ट किया था. अमेरिका और इज़राइल इसको लेकर यूनेस्को से नाराज़ थे. दोनों देशों ने यूनेस्को की सदस्यता छोड़ने का विचार रखा था. इस कारण ही वर्ष 2011 से ही दोनों ने यूनेस्को को दी जाने वाली फंडिंग रोक रखी थी. अमेरिका 1984 में भी यूनेस्को से हट गया था लेकिन 2003 में दोबारा उसने इसकी सदस्यता ले ली थी.
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• यूनेस्को (UNESCO) 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' का लघुरूप है.
• यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र का एक निकाय है. इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है.
• यूनेस्को के 193 सदस्य देश (अमेरिका और इज़राइल को छोड़कर) हैं और सात सहयोगी सदस्य देश और दो पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं. इसका मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) में है.
• यह साक्षरता बढ़ानेवाले कार्यक्रमों को प्रायोजित करता है और वैश्विक धरोहर की इमारतों और पार्कों के संरक्षण में भी सहयोग करता है.
• भारत वर्ष 1946 से ही यूनेस्को का सदस्य देश है.
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